Vladimir Putin: भारत को मिलने वाला रूस का टेक्नोलॉजी पैकेज, पुतिन की यात्रा और रक्षा क्षेत्र में बड़ा असर!

Vladimir Putin: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं। उनकी यात्रा का दिन गुरुवार, 4 दिसंबर 2025 निर्धारित किया गया है। इस यात्रा पर न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। पुतिन की यह यात्रा विशेष रूप से भारत और रूस के बीच होने वाले रक्षा समझौते के कारण महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस समझौते के तहत रूस भारत को केवल हथियार नहीं देगा, बल्कि उनके निर्माण की तकनीक भी प्रदान करेगा। इसका मतलब है कि भारत अब इन हथियारों का निर्माण देश में ही कर सकेगा। यह समझौता दोनों देशों के रक्षा और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करेगा।
पुतिन का आगमन और मोदी से मुलाकात
सूत्रों के अनुसार, पुतिन गुरुवार शाम लगभग 7 बजे दिल्ली पहुंचेंगे। दिल्ली एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया जाएगा। आगमन के बाद पुतिन की पहली महत्वपूर्ण मुलाकात भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और तकनीकी सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक दोनों देशों के बीच दोस्ताना और व्यावहारिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी। रक्षा क्षेत्र में तकनीकी सहयोग से भारत के लिए एक नई दिशा खुलेगी, जिससे देश आत्मनिर्भर बन सकेगा।

शुक्रवार का कार्यक्रम: राजघाट और हाइड्राबाद हाउस
पुतिन की यात्रा का अगला दिन यानी 5 दिसंबर, शुक्रवार भी बेहद व्यस्त रहने वाला है। सूत्रों के अनुसार, पुतिन सबसे पहले राजघाट जाएंगे, जहां वे महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वह हाइड्राबाद हाउस जाएंगे, जहां भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय बैठक आयोजित होगी। इस बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधि महत्वपूर्ण समझौतों और रणनीतिक फैसलों पर चर्चा करेंगे। बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा, जिसमें सहयोग की दिशा और भविष्य की योजनाओं का विवरण होगा।
फिक्की कार्यक्रम और राज्य भोज
सूत्रों की मानें तो पुतिन 5 दिसंबर को FICCI (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) द्वारा भारत मंडप में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हो सकते हैं। इसके बाद वे राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्य भोज में भाग लेंगे। इस भोज का आयोजन दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को सम्मान देने के लिए किया गया है। कुल मिलाकर, पुतिन की यह यात्रा न केवल भारत-रूस संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह रक्षा, व्यापार और तकनीकी क्षेत्र में दोनों देशों के सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का अवसर भी है।





