BSNL ने Rs.107 प्लान की वैधता घटाकर 22 दिन की कर दी, जानिए कॉल और डाटा के नए चार्जेस

देश की सरकारी दूरसंचार कंपनी BSNL ने अपने ग्राहकों को एक बार फिर निराश किया है। इस बार कंपनी ने अपने एक किफायती प्रीपेड रिचार्ज प्लान की वैधता यानी वैलिडिटी कम कर दी है। बीते दिनों 107 रुपये वाले रिचार्ज प्लान की वैलिडिटी 35 दिनों से घटाकर पहले 28 दिन की गई थी। अब इसे और कम कर 22 दिन कर दिया गया है। इस तरह बीएसएनएल की यह योजना अब केवल 22 दिनों तक ही मान्य रहेगी।
वैलिडिटी घटाने के बाद भी प्लान के फायदे वैसे के वैसे
हालांकि बीएसएनएल ने इस प्लान की वैधता में कमी की है, लेकिन इसके फायदे जैसे डाटा, कॉलिंग और एसएमएस की सुविधा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 107 रुपये के इस प्रीपेड प्लान में यूजर्स को 3GB डाटा मिलता है। डाटा खत्म होने के बाद इंटरनेट स्पीड 40 केबीपीएस तक घट जाती है। साथ ही, प्लान में 200 मिनट की फ्री लोकल, एसटीडी और रोमिंग कॉलिंग भी मिलती है। यह प्लान उन यूजर्स के लिए खास है जो कम कीमत में अच्छी सेवा चाहते हैं।

कॉलिंग, एसएमएस और डाटा के बाद चार्जेस की जानकारी
जहां तक बात है कॉलिंग की, तो प्लान की फ्री कॉलिंग लिमिट के बाद लोकल कॉल पर प्रति मिनट ₹1, वीडियो कॉलिंग पर ₹1.3 और एसटीडी कॉल पर ₹2 का चार्ज लगेगा। वहीं, लोकल एसएमएस के लिए 80 पैसे, राष्ट्रीय एसएमएस के लिए ₹1.20 और अंतरराष्ट्रीय एसएमएस के लिए ₹6 का शुल्क होगा। डाटा क्वोटा समाप्त होने के बाद डाटा का चार्ज 25 पैसे प्रति मेगाबाइट रखा गया है। यूजर्स को ये चार्ज अलग से देना होगा।
अन्य प्लान्स में भी हो सकता है बदलाव
बीएसएनएल की ओर से इस योजना के बाद यह संकेत भी मिले हैं कि कंपनी अपने अन्य किफायती रिचार्ज प्लान्स में भी बदलाव कर सकती है। हाल ही में 197 रुपये वाले प्रीपेड प्लान की वैलिडिटी 54 दिनों से घटाकर 42 दिन कर दी गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीएसएनएल अपनी आर्थिक स्थिति और बाजार की चुनौतियों को देखते हुए प्लान्स की वैधता कम कर रही है। इससे यूजर्स को सेवाओं का खर्च बढ़ सकता है।
ग्राहकों में बढ़ती चिंता और कंपनी की चुनौतियां
बीएसएनएल की इस वैलिडिटी में कमी से उपभोक्ताओं में चिंता बढ़ रही है। कई यूजर्स यह सोच रहे हैं कि कम कीमत में मिलने वाली सेवाओं की अवधि घटने से उन्हें ज्यादा बार रिचार्ज करना पड़ेगा, जिससे खर्च भी बढ़ेगा। वहीं, बीएसएनएल की आर्थिक परेशानियां और बाजार में प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों का दबाव भी इस बदलाव की वजह बन रहा है। कंपनी को ग्राहकों की संतुष्टि बनाए रखने के लिए संतुलित कदम उठाने होंगे।





