Parliament Winter Session: नक्सलियों के पुनर्वास पर अमित शाह को जवाब देना पड़ा लोकसभा में, बाएं पंथी खतरे पर बहस तेज

Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र के नौवें दिन, मंगलवार 9 दिसंबर 2025 को, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लोकसभा में वामपंथी चरमपंथ पर सवाल किया गया। सवाल यह था कि वर्तमान में वामपंथी चरमपंथ की स्थिति क्या है और सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए क्या योजना बनाई है। इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि माओवादियों को भारत के संविधान और लोकतांत्रिक प्रणाली में कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि इन चरमपंथियों ने वर्षों में हजारों निर्दोष नागरिकों की हत्या की, बच्चों को अनाथ किया और महिलाओं को विधवा बनाया। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से चरमपंथी संगठन कमजोर हुए हैं और बड़ी संख्या में कैडर आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए केंद्रीय सरकार ने वित्तीय सहायता पैकेज तैयार किया है। इस योजना के तहत: उच्च स्तर के नक्सलियों को 5 लाख रुपये, अन्य कैडरों को 2.5 लाख रुपये, हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने वालों को अतिरिक्त राशि, और प्रशिक्षण के दौरान 3 साल तक 10,000 रुपये प्रति माह की मासिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा राज्यों की नीतियों के तहत बच्चों को शिक्षा, घायल या विकलांगों को राहत, और महिलाओं को आजीविका सहायता प्रदान की जा रही है। इस वर्ष अकेले 2,167 माओवादियों ने मुख्यधारा में लौटकर आत्मसमर्पण किया।

सरकार की रणनीति और सुरक्षा उपाय
केंद्रीय राज्य मंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने इसे राज्य विषय माना और कोई ठोस राष्ट्रीय नीति नहीं बनाई। मोदी सरकार ने 2015 में ‘Whole of Government’ दृष्टिकोण अपनाया, जिसमें सुरक्षा और विकास दोनों मोर्चों पर समेकित रणनीति लागू की गई। इसके तहत 574 CAPF कंपनियां प्रभावित राज्यों में तैनात की गईं, हजारों करोड़ रुपये सुरक्षा और विकास कार्यों के लिए स्वीकृत किए गए, 706 किलेबंद थाने बनाए गए, 17,573 किमी सड़कें बनाई गईं और 10,651 मोबाइल टावर, 46 आईटीआई और 49 कौशल विकास केंद्र स्थापित किए गए।
हिंसा में उल्लेखनीय कमी
सरकार के अनुसार वामपंथी हिंसा में लगातार कमी आ रही है। 2010 और 2024 की तुलना में हिंसा में 81% की कमी दर्ज की गई है। जून 2015 से मई 2025 के बीच: हिंसक घटनाओं में 56%, नागरिकों की मौत में 70%, सुरक्षा बलों की मौत में 75% और कुल मौतों में 71% की कमी हुई। केवल जून-नवंबर 2025 में 110 घटनाएं और 44 मौतें हुईं। प्रभावित राज्य 10 से घटकर 5, जिले 126 से 11 और पुलिस थाने 465 से 106 रह गए हैं। 2014 से अब तक 9,588 माओवादियों ने हथियार आत्मसमर्पण किए हैं, जिनमें इस वर्ष 2,167 शामिल हैं।





