जम्मू और कश्मीर

J&K News: NC के बागी सांसद ने दिया साफ संदेश, 20 दिसंबर तक न सुलझा आरक्षण, CM के घर बाहर आंदोलन तेज होगा

J&K News: रेबल नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद अग़ा सैयद रुहुल्लाह ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं की बढ़ती परेशानी और निराशा को लेकर सरकार और प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर अधिकारियों को युवाओं की पीड़ा और निराशा समझने के लिए क्या करना होगा। अग़ा रुहुल्लाह ने कहा कि लगातार हो रही देरी पूरे युवा वर्ग को दम घोंट रही है और उन्हें समाज के किनारे कर रही है। उन्होंने श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय में एमबीबीएस प्रवेश विवाद को उदाहरण देते हुए कहा कि यह सरकार की आंखें खोलने वाला मामला होना चाहिए।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह पर निशाना: आरक्षण नीति पर हो रही देरी

अग़ा रुहुल्लाह ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह की सरकार पर भी आरोप लगाया कि पिछले साल सरकार ने आरक्षण नीति के मुद्दे को छह महीनों के अंदर हल करने का वादा किया था, लेकिन ये छह महीने एक साल में तब्दील हो गए। उन्होंने कहा कि बडगाम विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारियों और चुनी हुई सरकार ने दावा किया था कि यह मामला कुछ ही दिनों में सुलझ जाएगा, लेकिन अब वे कुछ दिन एक महीने से ज्यादा हो गए हैं। उनका मानना है कि यह मुद्दा जल्द ही सुलझने वाला नहीं है और अगर हल भी होता है तो उससे हुई क्षति की भरपाई करना मुश्किल होगा।

J&K News: NC के बागी सांसद ने दिया साफ संदेश, 20 दिसंबर तक न सुलझा आरक्षण, CM के घर बाहर आंदोलन तेज होगा

आरक्षण नीति में सुधार की मांग, युवाओं के लिए न्याय की पुकार

सांसद अग़ा रुहुल्लाह ने कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया तो शुरू हो गई है, लेकिन आरक्षण नीति को सुधारने के लिए कोई पहल नहीं हो रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसी की व्यक्तिगत अहमियत इस मामले में बाधा बन रही है और क्या पूरे युवा वर्ग को इसलिए दंडित किया जा रहा है क्योंकि वे अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। अग़ा रुहुल्लाह ने कहा कि वे एक महीने के लिए इस मामले से दूरी बनाएंगे ताकि उन्हें बाधा के रूप में न देखा जाए। साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की कि वह छात्रों से मिलकर इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाए।

चेतावनी: 20 दिसंबर के बाद फिर होगा आंदोलन

अग़ा रुहुल्लाह ने साफ चेतावनी दी कि यदि संसद सत्र के समाप्त होने तक 20 दिसंबर तक आरक्षण नीति का मामला सुलझा नहीं तो वे फिर से छात्रों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री निवास के बाहर धरना देंगे। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति के पुनर्गठन और आरक्षण को अधिकतम 50 प्रतिशत तक सीमित करने की मांग की थी। उनका कहना है कि आरक्षण नीति की अनिश्चितता युवाओं में निराशा पैदा कर रही है, खासकर छात्रों के बीच।

युवाओं के भविष्य के लिए सरकार से अपील

अंत में अग़ा रुहुल्लाह ने कहा कि यह मुद्दा जम्मू-कश्मीर के युवाओं के भविष्य से जुड़ा है। इसे जल्द से जल्द सुलझाना जरूरी है ताकि युवा वर्ग निराश न हो और वे अपना भविष्य उज्जवल बना सकें। सरकार से अनुरोध है कि वे छात्रों की भावनाओं को समझें और इस विवाद को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्होंने युवाओं को भी संयम बरतने और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज़ उठाने की सलाह दी।

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