जम्मू और कश्मीर

J&K News: जम्मू में जंबू ज़ू का 20 साल का मास्टर प्लान तैयार, बनेगा उत्तर भारत का प्रमुख ईको-टूरिज्म हब

J&K News: जम्मू में वन्यजीव संरक्षण और प्राकृतिक पर्यटन के क्षेत्र में एक नई क्रांति आने वाली है। नागरोटा में जम्बू ज़ू के लिए २० साल का मास्टर प्लान (2025-2044) तैयार किया गया है। इसके साथ ही मण्डा रिस्क्यू सेंटर का भी बड़ा उन्नयन किया जाएगा। ये दोनों प्रोजेक्ट उत्तर भारत के प्रमुख ईको-टूरिज्म, संरक्षण और वन्यजीव पुनर्वास केंद्र के रूप में जम्मू को स्थापित करेंगे। इस योजना में विश्वस्तरीय सुविधाओं को टिकाऊ विकास और स्थानीय समुदाय की भागीदारी के साथ जोड़ा गया है।

मास्टर प्लान में नई और आकर्षक सुविधाएं

मास्टर प्लान के अनुसार, जम्बू ज़ू को एक शीर्ष स्तरीय जीवाश्म पार्क और ईको-टूरिज्म स्थल बनाया जाएगा। यहाँ प्राकृतिक आवासों के साथ आधुनिक तकनीक और इमर्सिव विजिटर जोन्स होंगे। नई सुविधाओं में हर्बिवोर सफारी होगी जहाँ लोग स्थानीय वन्यजीवों को प्राकृतिक वातावरण में देख सकेंगे। वॉक-थ्रू एवियरी, बटरफ्लाई पार्क और फॉसिल पार्क भी दर्शकों को शिक्षा और मनोरंजन का अनूठा अनुभव देंगे। इसके अलावा AR/VR तकनीक के जरिये युवा वर्ग को वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाएगा।

J&K News: जम्मू में जंबू ज़ू का 20 साल का मास्टर प्लान तैयार, बनेगा उत्तर भारत का प्रमुख ईको-टूरिज्म हब

पर्यावरण के अनुकूल और समावेशी विकास

इस मास्टर प्लान में पर्यावरण के प्रति संवेदनशील परिवहन विकल्प जैसे बैटरी से चलने वाले वाहन शामिल हैं। साथ ही नए जानवरों के लिए विस्तृत और प्राकृतिक आवास बनाए जाएंगे। रास्ते, संकेत, और एक्सेसिबिलिटी फीचर्स को सुधार कर ज़ू को सभी के लिए सुलभ और आरामदायक बनाया जाएगा। विशेष रूप से पश्चिमी शिवारिक हिमालय के संकटग्रस्त जीव जैसे गिद्ध, पांगोलिन आदि की सुरक्षा और संरक्षण पर जोर दिया जाएगा। संरक्षण प्रजनन और पुनर्वास को प्राथमिकता दी जाएगी।

मण्डा रिस्क्यू सेंटर का कायाकल्प

मण्डा रिस्क्यू सेंटर को एक आधुनिक उपचार और पुनर्वास केंद्र में तब्दील किया जाएगा। यहाँ घायल, अनाथ और पकड़े गए वन्यजीवों का इलाज होगा। यह केंद्र संरक्षण प्रजनन का भी समर्थन करेगा और वन्यजीवों की देखभाल हेतु एक वेटरनरी इकाई होगी। इसके साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष के मुद्दों पर जनजागरण और शिक्षा का भी काम किया जाएगा। यह केंद्र जम्बू ज़ू, वन विभाग और संरक्षित क्षेत्रों के साथ मिलकर काम करेगा।

जम्मू का भविष्य और सामुदायिक विकास

इस योजना से जम्मू न सिर्फ वन्यजीव संरक्षण का केंद्र बनेगा बल्कि स्थानीय समुदाय को भी आर्थिक अवसर मिलेंगे। स्थानीय लोग कैंटीन, वाहन सेवा, नेचर ट्रेल गाइड, और स्मृति चिन्ह विक्रय जैसी सेवाओं में काम कर सकेंगे। वैज्ञानिक अध्ययन और शोध को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा व्यापक जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर जनता को संरक्षण में जोड़ने का प्रयास होगा। यह परियोजना जम्मू को उत्तर भारत के प्रमुख पर्यावरणीय पर्यटन और संरक्षण केंद्र के रूप में स्थापित करेगी और एक नई पर्यावरणीय जिम्मेदारी की शुरुआत होगी।

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