जम्मू और कश्मीर

J&K Budget 2026-27: बजट 2026-27 के लिए दिसंबर में होगी कड़ी बैठकें, सभी विभागों को सौंपे गए वित्तीय दस्तावेज जमा करने के निर्देश

J&K Budget 2026-27:  जम्मू-कश्मीर सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 के बजट को अंतिम रूप देने से पहले सभी विभागों के साथ पूर्व-बजट बैठकें आयोजित करने का फैसला लिया है। ये बैठकें 1 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 16 दिसंबर तक लगातार चलेंगी। वित्त विभाग के अनुसार, इन बैठकों में चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के संशोधित बजट अनुमान, अगले वर्ष के राजस्व और पूंजी खर्च के घटक, केंद्रीय योजनाएं, प्रधानमंत्री विकास परियोजनाएं (PMDP), और ऋण घटक पर गहन चर्चा होगी। इसका उद्देश्य बजट को ज्यादा प्रभावी, पारदर्शी और समन्वित बनाना है।

विभागों को वित्तीय विवरण और दस्तावेज जमा करने होंगे

वित्त विभाग ने सभी 36 विभागों के प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी विभागीय वित्तीय आवश्यकताओं, अधीनस्थ योजनाओं पर किए गए कार्यों, चालू वित्तीय वर्ष के बजट घोषणाओं और स्थापनागत बजट का विस्तृत विवरण बैठक से पहले वित्त विभाग को प्रस्तुत करें। इसके साथ ही प्रत्येक विभाग को पावरपॉइंट प्रस्तुति भी देनी होगी, जिसमें कर्मचारी डेटा, राजस्व एवं पूंजी खर्च के रुझान, पिछले पांच वर्षों के राजस्व प्राप्ति आँकड़े, प्रमुख परियोजनाओं की जानकारी, चल रही परियोजनाओं की कुल देनदारी, तथा अगले वर्ष के लक्ष्य और अपेक्षित परिणाम शामिल हों। ये दस्तावेज सॉफ्ट और हार्ड दोनों प्रारूपों में प्रस्तुत किए जाएंगे।

J&K Budget 2026-27:  बजट 2026-27 के लिए दिसंबर में होगी कड़ी बैठकें, सभी विभागों को सौंपे गए वित्तीय दस्तावेज जमा करने के निर्देश

विभागवार बैठकें 1 से 16 दिसंबर तक निर्धारित

पूर्व-बजट बैठकें विभागवार 1 से 16 दिसंबर तक आयोजित की जाएंगी। 1 दिसंबर को आपदा प्रबंधन, राहत एवं पुनर्वास, उद्योग एवं वाणिज्य और खान विभाग की बैठक होगी। 2 दिसंबर को जनजाति मामले, सूचना और राजस्व विभाग चर्चा करेंगे। 3 दिसंबर को स्कूल शिक्षा, विधि, चुनाव और संसदीय मामलों के विभाग बैठक करेंगे। 4 दिसंबर को जल शक्ति, परिवहन और सहकारिता विभागों की बैठक होगी। इसके बाद 5 दिसंबर को भेड़पालन, पशुपालन, कृषि और बागवानी विभागों की बैठक आयोजित की जाएगी। इसी प्रकार सभी विभाग निर्धारित तिथियों पर वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

आवश्यक अधिकारी ही बैठक में भाग लेंगे

वित्त विभाग ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे केवल उन्हीं अधिकारियों को पूर्व-बजट बैठकों में बुलाएं जिनकी उपस्थिति अनिवार्य हो। विभागाध्यक्ष और जिला उपायुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में शामिल होंगे, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी। यह प्रक्रिया बजट तैयारी को ज्यादा प्रभावी और केन्द्रित बनाएगी ताकि हर विभाग की जरूरतों को बेहतर तरीके से समझा जा सके।

बजट प्रक्रिया में पारदर्शिता और समन्वय की उम्मीद

यह पूर्व-बजट बैठकें जम्मू-कश्मीर के बजट निर्माण की प्रक्रिया को पारदर्शी और समन्वित बनाने में मदद करेंगी। विभागों द्वारा प्रस्तुत की गई सूचनाओं और आंकड़ों के आधार पर वित्त विभाग सटीक बजट तैयार करेगा। इससे राज्य के विकास कार्यों और योजनाओं को गति मिलेगी। 16 दिसंबर को गृह, ऊर्जा और वित्त विभाग की अंतिम बैठक के बाद बजट की अंतिम रूपरेखा तय की जाएगी। यह प्रक्रिया जम्मू-कश्मीर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने और विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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