Jammu court में फर्जी वकीलों का तांडव, हाईकोर्ट और बार एसोसिएशन भी हुए बेबस—क्या आम जनता सुरक्षित है?

Jammu court: जम्मू के जन्मपुरी हाईकोर्ट और जिला अदालत परिसर में फर्जी वकीलों और ब्रोकरों का प्रभाव इतनी तेजी से बढ़ गया है कि अब अदालत और वकील संघ भी उनके सामने असहाय नजर आने लगे हैं। ये फर्जी वकील, जो वकीलों के पोशाक पहनते हैं, आम जनता को अदालत परिसर में भ्रमित करते हैं। कई बार ये लोग अटॉर्नी लेटर का इस्तेमाल कर केस लड़ने का दावा भी करते हैं। अदालत में सही वकील की अनुपस्थिति का लाभ उठाकर ये फर्जी वकील आम लोगों को ठगने और धोखा देने में सफल हो रहे हैं। प्रतिदिन जन्मपुरी कोर्ट परिसर में लगभग 5,000 वकील अभ्यास कर रहे हैं, वहीं उतनी ही संख्या में लोग अपने मामलों के लिए आते हैं। इस भीड़भाड़ में फर्जी वकीलों की पहचान करना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है।
फर्जी वकील आमतौर पर अदालत आने वाले लोगों को धोखा और ठगी का शिकार बनाते हैं। रोजाना सैकड़ों लोग विभिन्न शपथपत्र और सेटलमेंट डॉक्यूमेंट के लिए आते हैं, जिसमें ये फर्जी वकील आसानी से लोगों को फंसाते हैं। हाल ही में, एक फर्जी वकील अब्दुल गनी भट्ट को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इससे पहले हाईकोर्ट ने उन्हें 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन भट्ट ने इसे न चुकाकर एक नया केस दायर कर दिया। हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि भट्ट जुर्माना नहीं चुकाते हैं, तो राशि उनके संपत्ति से वसूल की जाएगी। भट्ट अक्सर अटॉर्नी लेटर का इस्तेमाल कर वकीलों की ओर से अदालत में पेश होते थे और इसी प्रक्रिया का बार-बार दुरुपयोग कर रहे थे।
वकीलों के पहनावे पर सख्त पाबंदी
फर्जी वकीलों और ब्रोकरों की बढ़ती गतिविधियों को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जम्मू ने कोर्ट परिसर में वकीलों के पोशाक पर सख्त पाबंदी लगा दी है। 19 जुलाई 2025 को जारी आदेश के अनुसार, कोई भी व्यक्ति—चाहे वह कोर्ट क्लब का सदस्य हो, वादी या आम जनता—सफेद शर्ट, काले पैंट और काले कोट पहनकर कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता। बार एसोसिएशन ने सभी वकीलों को अपने सहायक कर्मचारियों को इस आदेश की जानकारी देने और इसके पालन को सुनिश्चित करने के लिए कहा है। जो भी इसका उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम फर्जी वकीलों और ब्रोकरों को पहचानने और उनके प्रभाव को रोकने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण उपाय है।
विशेष समिति का गठन और सख्ती से कार्रवाई
कानून के उल्लंघन और वकीलों के पहनावे के नियमों के प्रभावी पालन को सुनिश्चित करने के लिए बार एसोसिएशन ने 15-सदस्यीय विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति बार एसोसिएशन और यंग वकील एसोसिएशन के तहत काम करेगी और इसके पास सभी तरह के मामलों में कार्रवाई का अधिकार होगा। समिति में शामिल हैं—अडवोकेट दिव्यांशन, गगनदीप सिंह, विक्रम चिब, मनीष कुमार, अमित शर्मा, नितिन सेन, शुभम भाऊ, रघु प्रताप सिंह, सुशील कुमार, रविंद्र जोहल, ईशान शर्मा, वरुण शर्मा, गौतमवीर सिंह, बिलाल चौधरी और हबीब-उल-रहमान। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव अडवोकेट प्रदीप माजोत्रा ने कहा, “हमने पहले वकीलों के लिए ड्रेस कोड लागू किया, अब विशेष समिति गठित की गई है ताकि सख्ती से कार्रवाई हो सके। पिछले वर्ष कई ब्रोकरों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन अभी भी शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ लोग कोर्ट परिसर में सक्रिय हैं। इसलिए समिति को विशेष अधिकार देकर उन्हें नियंत्रित किया जाएगा।” इस पहल से उम्मीद है कि जन्मपुरी कोर्ट परिसर में फर्जी वकीलों और ब्रोकरों की गतिविधियों पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा।





