J&K News: बिजली चोरी पर सख्त रोक, मुख्य सचिव डुल्लू ने अधिकारियों को फीडर बिलिंग में लापरवाही पर दी कड़ी चेतावनी

J&K News: जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल दुल्लू ने बिजली सुधारों को तय समयसीमा में लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि राजस्व संग्रह में सुस्ती दिखाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह स्पष्ट संदेश बिजली विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाएं और बिजली चोरी पर पूरी तरह से अंकुश लगाएं।
बिजली विभाग के कामकाज की समीक्षा
मुख्य सचिव ने जम्मू क्षेत्र में बिजली विभाग द्वारा किए जा रहे सुधारों की प्रगति का भी जायजा लिया। उन्होंने रिवैम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर योजना के तहत बिजली की हानि कम करने के प्रयासों के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने फीडर आधारित बिलिंग में अधिकारियों की लापरवाही पर चिंता जताई और उन्हें इस दिशा में तत्परता दिखाने को कहा। साथ ही, उन्होंने बर्फ से ढके इलाकों में बिजली सुधारों को जारी रखने के लिए आवश्यक सामग्री की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

शैलेन्द्र कुमार ने सभी एजेंसियों से ठोस कार्ययोजना मांगी
बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शैलेन्द्र कुमार ने सभी संबंधित एजेंसियों से कहा है कि वे बिजली सुधारों को तेजी से लागू करने, अवैध कनेक्शनों को नियमित करने और दूरदराज इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए ठोस और प्रभावी कार्ययोजना प्रस्तुत करें। उन्होंने अधिकारियों को हर संभव प्रयास करने और सुधारों के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए प्रेरित किया।
स्मार्ट मीटरिंग और बिजली हानि में कमी की पहल
सूत्रों के अनुसार, राज्य में बिजली हानि को कम करने और स्मार्ट मीटरिंग को लागू करने का कार्य ₹4,709 करोड़ की लागत से चल रहा है। यह एक बड़ा कदम है जो बिजली व्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता लाने में मदद करेगा। वर्तमान में, जम्मू-कश्मीर में बिजली हानि को 58 प्रतिशत से घटाकर 32 प्रतिशत तक लाया गया है। यह उल्लेखनीय प्रगति बिजली विभाग के लगातार प्रयासों का परिणाम है।
मोटे पैमाने पर मीटरिंग कार्य प्रगति पर
अटल दुल्लू ने बताया कि जम्मू क्षेत्र में लगभग 1.87 लाख मीटर स्थापित किए जा चुके हैं, वहीं कश्मीर में इस संख्या में 1.93 लाख मीटर शामिल हैं। स्मार्ट मीटरिंग के माध्यम से बिजली की खपत का सही लेखा-जोखा सुनिश्चित होगा, जिससे चोरी और बकाया बिलों को नियंत्रित किया जा सकेगा। इस पहल से न केवल उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलेगी, बल्कि बिजली विभाग की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।





