J&K News: दिल्ली ब्लास्ट केस में NIA की बड़ी कार्रवाई, कश्मीर में संदिग्धों के ठिकानों पर मारा ताबड़तोड़ छापा

J&K News: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को कश्मीर घाटी के लगभग 10 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली में हुए ब्लास्ट केस से जुड़े साजिश के मामले में की गई। सूत्रों के अनुसार, इन छापेमारियों में मौलवी इरफान अहमद वागे, डॉ. अदील, डॉ. मुजम्मिल और आमिर राशिद के घर शामिल हैं। एनआईए आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए इस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
शोपियां और पुलवामा के गांवों में छापेमारी जारी
एनआईए की टीमें नादिगाम (शोपियां), कोइल, चंदगाम, मलंगपोरा और संबूरा (पुलवामा) जैसे इलाकों में भी लगातार छापेमारी कर रही हैं। जांच एजेंसी का उद्देश्य उन सबूतों की खोज करना है जो ‘व्हाइट कॉलर’ मॉड्यूल और दिल्ली ब्लास्ट के बीच संबंध स्थापित कर सकें। इस कड़ी में संदिग्धों के ठिकानों पर दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और अन्य अहम सामग्री की तलाशी ली जा रही है।

दिल्ली ब्लास्ट की जांच का दौर
10 नवंबर को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास एक कार बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। यह धमाका राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा झटका था। एनआईए ने इस मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी पूरे मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है ताकि इस आतंकवादी साजिश के पीछे की पूरी योजना का खुलासा हो सके।
मौलवी और डॉक्टरों के संदिग्ध कनेक्शन
मौलवी इरफान अहमद वागे, डॉ. अदील, डॉ. मुजम्मिल और आमिर राशिद जैसे लोगों के ठिकानों पर छापेमारी इस बात का संकेत है कि एनआईए को इस साजिश में उनकी भूमिका संदेहास्पद लगी है। इन लोगों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। एजेंसी के मुताबिक, ये लोग ‘व्हाइट कॉलर’ मॉड्यूल के हिस्से हो सकते हैं, जो ब्लास्ट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल था।
एनआईए की कार्रवाई से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत
एनआईए की यह छापेमारी आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया एक अहम कदम है। जांच जारी है और एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एनआईए हर संभव कदम उठा रही है ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। छापेमारी और गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी रहेगा जब तक पूरी साजिश का पर्दाफाश न हो।





