Jammu News: जम्मू पुलिस ने बाइक-स्कूटर चोरों का भंडाफोड़ किया, तीन गिरफ्तार और 40 चोरी वाहन बरामद

Jammu News: जम्मू पुलिस ने बाइक और स्कूटर चोरी करने वाले गिरोह का सफलतापूर्वक पर्दाफाश किया है। पुलिस के अनुसार इस गिरोह के तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं और करीब 40 चोरी किए गए बाइक व स्कूटर बरामद किए गए हैं। यह कार्रवाई जम्मू पुलिस के साउथ जोन टीम द्वारा ऑपरेशन अवतार के तहत की गई।
साउथ जोन पुलिस की मेहनत से मिली बड़ी सफलता
मंगलवार को गांधी नगर थाना में SSP जोगिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह गिरोह केवल जम्मू शहर ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में भी सक्रिय था। जम्मू जिले के विभिन्न थानों में लगातार वाहन चोरी की शिकायतें मिल रही थीं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए विशेष टीम गठित की गई। तकनीकी विश्लेषण, CCTV फुटेज और लगातार निगरानी के बाद इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ।

तीनों आरोपी गिरफ्तार, चोरी के वाहन बरामद
पकड़े गए आरोपियों में हरप्रीत सिंह (खानपुर, सांबा), गुरदर्शन सिंह (पाखरी, सांबा) और हिमांशु नंदा (जिंदेद खुर्द, बिश्नाह) शामिल हैं। पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने गांधी नगर, त्रिकुटा नगर समेत साउथ जोन के अन्य इलाकों में कई बाइक-स्कूटर चोरी की हैं। आरोपियों के द्वारा बताई गई जगहों से कुल 40 चोरी किए गए वाहन बरामद किए गए। बरामदगी की कीमत लगभग 35 लाख रुपये बताई गई है।
चोरी की वारदातों में चोरी छुपे नंबर बदलना भी शामिल
SSP जोगिंदर सिंह ने बताया कि गिरोह के सदस्य इतने चालाक थे कि उन्होंने कई वाहनों के चेसिस और इंजन नंबर तक बदल दिए थे, ताकि चोरी का पता न चल सके। इसके बावजूद पुलिस की सतर्कता और आधुनिक तकनीक के सहारे इस गिरोह को पकड़ने में सफलता मिली। उन्होंने जनता से अपील की है कि जो लोग अपनी चोरी हुई गाड़ी की पहचान करना चाहते हैं, वे गांधी नगर पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपनी शिकायत की कॉपी लेकर वाहन की पहचान कराएं।
स्थानीय लोगों को पुलिस की इस कार्रवाई से मिली राहत
पिछले कई महीनों से गांधी नगर, त्रिकुटा नगर और आस-पास के इलाकों में वाहन चोरी की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई थी, जिससे स्थानीय लोग परेशान थे। इस गिरोह की गिरफ्तारी और चोरी के वाहनों की बरामदगी से लोगों को बड़ी राहत मिली है। पुलिस ने बताया कि इस मामले की जानकारी जिले के सभी थानों तथा आस-पास के जिलों को भी दे दी गई है, ताकि चोरी के वाहनों की पहचान कराकर जल्द मालिकों को वापस लौटाया जा सके।





