Jammu-Kashmir News पुलवामा हमले में इस्तेमाल आतंकी ठिकाना जब्त, NIA कोर्ट का बड़ा फैसला आया सामने

Jammu-Kashmir News: जम्मू कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को हिला देने वाले 2019 के पुलवामा आतंकी हमले से जुड़ा एक अहम फैसला सामने आया है। एनआईए की विशेष अदालत ने इस मामले में एक ऐसे घर को जब्त करने का आदेश दिया है जिसका इस्तेमाल जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने छुपने और साजिश रचने के लिए किया था। यह फैसला न केवल जांच को नई दिशा देता है बल्कि उन लोगों के लिए भी बड़ा संदेश है जो आतंकी गतिविधियों को सहयोग प्रदान करते हैं।
एनआईए कोर्ट का कड़ा और ऐतिहासिक निर्णय
विशेष जज संदीप गांधोत्रा ने यह आदेश सुनाते हुए साफ कहा कि आतंकवाद से जुड़े हर संसाधन को कानून के तहत जप्त किया जाएगा। काकापोरा में स्थित यह घर कुल 9.5 मरले का है और यह नसीमा बानो के नाम दर्ज है। नसीमा बानो आरोपी पीर तारिक अहमद शाह की पत्नी हैं और एनआईए कोर्ट के आदेशों के बावजूद सुनवाई में उपस्थित नहीं हुईं। कोर्ट ने इसे एकतरफा प्रक्रिया मानते हुए यह फैसला सुनाया।

आतंकियों का छुपने का ठिकाना साबित
एनआईए ने अदालत में यह साबित किया कि जैश के आतंकियों ने पुलवामा हमले से पहले इस घर को छिपने और हमले की तैयारी के लिए इस्तेमाल किया था। विशेष लोक अभियोजक केएस पठानिया ने अदालत में प्रमाण और तर्क प्रस्तुत किए जिसके आधार पर यह संपत्ति आतंकवाद से संबंधित घोषित कर दी गई। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार की संपत्तियां अब न तो बेची जा सकती हैं और न ही किसी के नाम ट्रांसफर की जा सकती हैं।
बचाव पक्ष की आपत्तियों का अंत
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से कुछ आपत्तियां दर्ज कराई गईं लेकिन बाद में वकील ने साफ किया कि वह नसीमा बानो की ओर से पेश नहीं हो रहे। इसके बाद मामले की कार्यवाही एकतरफा हो गई क्योंकि बार बार नोटिस देने के बाद भी नसीमा बानो अदालत में उपस्थित नहीं हुईं। यह अदालत के लिए साफ संकेत था कि संपत्ति की जब्ती की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना आवश्यक है।
आतंकवाद के खिलाफ सख्ती का संदेश
इस फैसले के बाद स्पष्ट हो गया है कि आतंकवाद को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वालों के खिलाफ कार्रवाई और भी सख्त होगी। पुलवामा हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियां लगातार ऐसे ठिकानों की पहचान कर रही हैं जहां आतंकियों ने छुपकर साजिशें रचीं। एनआईए कोर्ट का यह फैसला आतंकवाद के विरुद्ध मजबूत कदम माना जा रहा है और इससे भविष्य में ऐसे मामलों पर नियंत्रण में मदद मिलेगी। यह आदेश बताता है कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोई भी कोशिश अब कानून से बच नहीं पाएगी।





