Health Tips: ठंड आते ही पुराने घाव क्यों देने लगते हैं दर्द? जानिए डॉक्टर की अहम चेतावनी और उपाय

Health Tips: सर्दियों की शुरुआत के साथ कई लोगों की पुरानी चोटें और पुराने दर्द फिर उभरने लगते हैं। विशेष रूप से जोड़ों का दर्द, घुटनों में सूजन, पीठ दर्द, और पुरानी चोटों वाले हिस्सों में फिर से तकलीफ़ महसूस होना आम बात है। ठंडी हवाएँ और गिरता तापमान शरीर के उन हिस्सों को प्रभावित करते हैं, जहाँ पहले कभी चोट लगी हो या जहाँ पहले से ही संवेदनशीलता हो। यह समस्या विशेष रूप से बुजुर्गों में अधिक देखी जाती है, क्योंकि उम्र के साथ शरीर की लचक कम हो जाती है और चोटों का असर जल्दी लौट आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा होता क्यों है? अगर आपको भी इस मौसम में पुरानी चोटें तंग करती हैं, तो इसका वैज्ञानिक कारण जानना ज़रूरी है।
डॉ. मयंक चौहान, कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन (प्रकाश अस्पताल), बताते हैं कि सर्द मौसम में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है, जिसके कारण पुराने ज़ख्म वाले हिस्सों में कठोरता बढ़ जाती है। खासकर वे जोड़, जिनमें पहले चोट लगी हो, ठंड में जल्दी अकड़ने लगते हैं। इसके अलावा, सर्दियों में शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है, जिससे जोड़ों में जकड़न और बढ़ती है।
डॉ. चौहान के अनुसार, दर्द बढ़ने के अन्य कारणों में वायुमंडलीय दबाव में बदलाव और विटामिन D की कमी भी शामिल हो सकती है। यदि समय पर ध्यान न दिया जाए, तो ये समस्याएँ और गंभीर हो सकती हैं। इसलिए दर्द को हल्के में लेने के बजाय जीवनशैली में कुछ बदलाव करना बेहद ज़रूरी है।

सर्दियों में पुरानी चोटों के दर्द से राहत पाने के लिए शरीर को गर्म रखना और हल्की–फुल्की एक्सरसाइज़ करना बहुत फायदेमंद होता है। सुबह-सुबह हल्का स्ट्रेच, वॉक, और जोड़ो को सक्रिय रखने वाली एक्सरसाइज़ stiffness को काफी कम करती हैं। इसके अलावा, विटामिन D की कमी दूर करने के लिए धूप लेना और आवश्यकता होने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेना लाभदायक है।
जहाँ दर्द ज्यादा हो, वहाँ गर्म सिकाई (hot compress) तुरंत राहत देती है। कई लोग रात में सोते समय घुटनों या पीठ को गर्म कपड़े या बेल्ट से कवर करके रखते हैं, जिससे जोड़ों में गर्माहट बनी रहती है। अगर दर्द लगातार बना रहे, चलने-फिरने में दिक्कत हो, या सूजन बढ़ने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सही समय पर उपचार मिलने से दर्द को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।
सर्दियों में खान-पान का दर्द पर सीधा असर होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ सूजन कम करने में बेहद प्रभावी होते हैं। जैसे:
- फैटी फिश: सैल्मन, सार्डिन, टूना, ट्राउट आदि।
- अलसी के बीज और अखरोट: पौधे आधारित ओमेगा-3 के बेहतरीन स्रोत।
इसके अलावा, हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन एक मजबूत anti-inflammatory कंपाउंड है। इसे दूध में मिलाकर या खाना पकाने में उपयोग करना दर्द और सूजन में राहत देता है।
अदरक भी सूजन और दर्द कम करने में काफी उपयोगी है। इसे चाय, काढ़े या भोजन में शामिल किया जा सकता है। इन प्राकृतिक तरीकों से आप सर्दियों में पुरानी चोटों के दर्द को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं और शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।





