Jammu-Kashmir चुनावों के लिए एसईसी नियुक्ति का सस्पेंस, समिति बैठक में हो सकता है फैसला

Jammu-Kashmir में पंचायत और नगर निकायों के चुनाव की प्रक्रिया में लंबे समय से रुकावट बनी हुई थी, क्योंकि प्रदेश चुनाव आयुक्त (एसईसी) का पद रिक्त पड़ा था। अप्रैल 2025 में तत्कालीन एसईसी बीआर शर्मा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह पद खाली हो गया। अब अधिकारियों ने जानकारी दी है कि एसईसी की नियुक्ति जल्द ही हो जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति की पहली बैठक अगले सप्ताह होने की उम्मीद है, जो चयन प्रक्रिया को गति देगी।
एसईसी चयन के लिए समिति और सदस्य
एसईसी के चयन के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली समिति बनाई गई है। इस समिति में विधानसभा के स्पीकर अब्दुल रहीम राथर, ग्रामीण विकास मंत्री जावेद अहमद डार, नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा और समाज कल्याण मंत्री सकीना इट्टू शामिल हैं। समिति बैठक में नए एसईसी के नामों का पैनल तय किया जाएगा। पैनल में शामिल किसी योग्य व्यक्ति को चुनकर उसकी नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल को सिफारिश की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, एसईसी की दौड़ में तीन सेवानिवृत्त आईएएस और आईपीएस अधिकारी शामिल हैं, जबकि पूर्व एसईसी बीआर शर्मा को फिर से जिम्मेदारी देने पर भी विचार किया जा रहा है।
पिछले चुनावों की देरी और कारण
जम्मू-कश्मीर में नगर निकायों का कार्यकाल नवंबर 2023 में समाप्त हो गया था, जबकि पंचायतों का कार्यकाल जनवरी 2024 में पूरा हुआ। लेकिन तत्कालीन सुरक्षा परिस्थितियों और पंचायत संस्थानों में ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करने की लंबित प्रक्रिया के कारण चुनाव कई बार टलते रहे। अप्रैल 2025 में एसईसी के कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गई थी। मौजूदा सरकार ने हाल ही में संबंधित अधिनियम में संशोधन कर एसईसी की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी है, जिससे योग्य वरिष्ठ अधिकारियों को एसईसी बनने का अवसर मिलेगा।
आगामी चुनाव और तैयारियां
एसईसी की नियुक्ति के बाद चुनाव प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। एसईसी कार्यालय और ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पंचायत चुनाव के लिए आवश्यक तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर चुनाव फरवरी-मार्च 2026 में कराए जाने की संभावना है। इसके अलावा, जनवरी 2026 में जिला विकास परिषदों का कार्यकाल भी समाप्त होने वाला है, इसलिए नई नियुक्ति के साथ ही तमाम चुनावी गतिविधियों को सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराया जाएगा।





