Jammu-Kashmir: ACD के कार्यालय में सुनवाई के दौरान चौंकाने वाला मामला, बिना अनुमति वीडियो अपलोड

Jammu-Kashmir: जम्मू और कश्मीर के किश्तवार जिले में सहायक आयुक्त विकास (ACD) देव ने एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि बिना अनुमति के वीडियो अपलोड किया गया। यह घटना 6 दिसंबर 2025 को हुई, जब इस कार्यालय में RTI अधिनियम, 2005 के तहत अपीलों की सुनवाई निर्धारित थी। जैसे ही अपीलकर्ता और संबंधित PIOs सुनवाई के लिए उपस्थित हुए, उसी दौरान अपीलकर्ता श. अकीब शाह के साथ आए एक व्यक्ति, अमजद गिरी ने बिना अनुमति के पूरी सुनवाई का वीडियो रिकॉर्ड किया और इसे फेसबुक पर अपलोड कर दिया। यह कार्य पूरी तरह से निर्धारित नियमों का उल्लंघन है।
नियमों का उल्लंघन और कानूनी प्रावधान
सहायक आयुक्त विकास ने अपनी शिकायत में स्पष्ट किया कि बिना अनुमति के वीडियो रिकॉर्ड करना और उसे सार्वजनिक रूप से साझा करना कदापि मान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाला व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है और भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 111 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66E के तहत एफआईआर दर्ज होने का अधिकारी है। वीडियो अपलोड करने वाले व्यक्ति ने न केवल कार्यालय की गोपनीयता का उल्लंघन किया बल्कि सार्वजनिक मंच पर संवेदनशील जानकारी साझा कर कानून को चुनौती दी।

कार्रवाई की मांग और जिम्मेदारी
सहायक आयुक्त विकास ने संबंधित अधिकारियों से अनुरोध किया है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी कार्यालयीन प्रक्रिया की गोपनीयता और वैधानिक प्रक्रिया को खतरा न हो। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि वीडियो अपलोड करने वाले व्यक्ति को कानूनी तौर पर दंडित किया जाना चाहिए और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
उच्च अधिकारियों को भी सूचित किया गया
शिकायत की प्रति जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेजी गई है। इनमें किश्तवार के जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डिप्टी पुलिस अधीक्षक (HQ) और संबंधित कार्यालय की फाइल शामिल हैं। इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि मामले पर उच्च स्तर पर नजर रखी जाए और नियमों के उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई हो। इस घटना ने प्रशासन और नागरिकों दोनों के लिए यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी प्रक्रियाओं में गोपनीयता बनाए रखना आवश्यक है और किसी भी अनधिकृत रिकॉर्डिंग या सार्वजनिक वितरण पर कड़ा कदम उठाया जाएगा।





