जम्मू और कश्मीर

J&K News: साजिद लोने का ओमर अब्दुल्ला पर हमला! साजिद लोने ने कहा- जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा हमारा अधिकार है

J&K News: पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सजाद लोन ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर कड़ा प्रहार किया जिसमें उन्होंने राज्य का दर्जा को कानून व्यवस्था से जोड़कर बात कही थी। सजाद लोन ने साफ कहा कि राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों का संवैधानिक और नैतिक अधिकार है, जिसे कोई भी वापस नहीं ले सकता। उन्होंने इसे लेकर उमर अब्दुल्ला की तुलना बचकानी सोच से की और कहा कि राज्य का दर्जा किसी पार्टी की मोहताज नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की जनता का अधिकार है।

मुख्यमंत्री के बयान पर सजाद लोन की कड़ी प्रतिक्रिया

उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा था कि पहलगाम हमले और दिल्ली ब्लास्ट जैसे हादसे तब नहीं होंगे जब राज्य का दर्जा बहाल होगा, क्योंकि सुरक्षा का जिम्मा चुनी हुई सरकार के पास होगा। इसके बाद उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर ऐसी घटनाएं फिर हुईं तो संसद के माध्यम से राज्य का दर्जा वापस भी लिया जा सकता है। इस बयान के जवाब में सजाद लोन ने कहा कि यह एक गैर जिम्मेदाराना और असंवैधानिक बयान है। उन्होंने पूछा कि कानून-व्यवस्था की समस्या सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही क्यों है? क्या देश के बाकी राज्यों में ऐसी कोई समस्या नहीं है?

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एनसी शासनकाल में हुई हिंसा पर सवाल

सजाद लोन ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकांश हिंसा और हत्या राष्ट्रीय कांफ्रेंस (एनसी) के शासनकाल में हुई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) का सबसे अधिक इस्तेमाल भी एनसी सरकार के दौरान हुआ। लोन ने कहा कि अगर एनसी शासन को कानून-व्यवस्था का आदर्श माना जाए तो यह बहुत बड़ी समस्या होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य का दर्जा का अधिकार किसी पार्टी की नहीं बल्कि जनता का है, और इसे राजनीतिक रंग देना गलत है।

राज्य का दर्जा वापस लिए जाने का सही कारण

सजाद लोन ने यह भी कहा कि राज्य का दर्जा वापस लिए जाने का असली मकसद कश्मीरी जनता को अपमानित करना था, न कि कानून-व्यवस्था को संभालने में असमर्थता। उन्होंने कहा, “आइए इसे सही मायनों में समझें और इस मुद्दे को अलग रंग न दें।” उनका यह बयान इस बात पर प्रकाश डालता है कि राज्य का दर्जा से जुड़े मसले केवल प्रशासनिक या कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक और भावनात्मक भी हैं।

राज्य में ध्वस्तीकरण और सरकार की भूमिका

उमर अब्दुल्ला द्वारा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर ध्वस्तीकरण अभियानों का आरोप लगाने पर सजाद लोन ने कहा कि सरकार ऐसे तरीकों से नहीं चलती। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल ऐसा है जैसे एक शादी हुई हो, बच्चे का जन्म हो लेकिन कोई उसकी जिम्मेदारी नहीं ले रहा हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि कोई ध्वस्तीकरण हुआ है, तो उसके लिए निश्चित तौर पर कोई लिखित आदेश होना चाहिए। सरकारों को स्पष्ट और जिम्मेदाराना रवैया अपनाना चाहिए।

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