J&K News: जनवरी 2026 में बड़ी राजनीतिक हलचल, जम्मू कश्मीर में होने वाला है कैबिनेट विस्तार और बड़ा फेरबदल

J&K News: जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन सरकार एक बड़े राजनीतिक बदलाव की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जनवरी 2026 में कैबिनेट के विस्तार और फेरबदल की ओर बढ़ सकते हैं। ये संकेत हाल ही में श्रीनगर में आयोजित दो दिवसीय सेंट्रल वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान मिले। सरकार की कार्यशैली और मंत्रियों के प्रदर्शन को लेकर कई स्तरों पर मंथन शुरू हो गया है।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने दिए कैबिनेट फेरबदल के संकेत
27 और 28 नवंबर को हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने पार्टी नेताओं को यह स्पष्ट किया कि आने वाले डेढ़ महीने में मंत्रिपरिषद के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद यह तय होगा कि किन मंत्रियों को बरकरार रखना है और किन्हें बाहर का रास्ता दिखाना है। सीएम के इस बयान को कैबिनेट विस्तार की बड़ी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष भी पूरे मामले की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करेंगे।

विधायकों का दबाव, कैबिनेट विस्तार की मांग तेज
सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान कई विधायकों ने सरकार की पहुंच और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए कैबिनेट विस्तार की मांग उठाई। उनका कहना था कि एक बड़ा मंत्रिपरिषद लोगों तक सरकार की योजनाओं और नीतियों को बेहतर तरीके से पहुंचा सकता है। विधायकों का तर्क है कि छोटे भूगोल और जटिल राजनीतिक परिस्थितियों वाले जम्मू-कश्मीर में अधिक मंत्रियों की आवश्यकता है ताकि जनता से संवाद मजबूत हो सके और विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ सकें।
तीन पद खाली, नौ मंत्रियों की अधिकतम सीमा
फिलहाल जम्मू-कश्मीर में मंत्रिपरिषद की अधिकतम सीमा नौ है क्योंकि नियम के अनुसार कुल विधानसभा सदस्यों का 10 प्रतिशत ही मंत्री बनाए जा सकते हैं। 90 सदस्यीय विधानसभा में यह संख्या नौ होती है। वर्तमान में मंत्रिपरिषद में केवल छह सदस्य हैं जिसमें मुख्यमंत्री और पांच कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। ऐसे में तीन पद खाली पड़े हैं और इन्हीं पदों पर विस्तार की संभावना जताई जा रही है। भले ही पांच नामित सदस्यों को जोड़ लिया जाए, फिर भी मंत्रियों की संख्या नौ से अधिक नहीं हो सकती क्योंकि 0.5 को बढ़ोतरी नहीं माना जाता और केवल 0.5 से ऊपर की संख्या को एक तक गोल किया जाता है।
जनवरी 2026 में बड़ा राजनीतिक बदलाव तय
सूत्र बताते हैं कि आगामी जनवरी में सरकार रणनीतिक रूप से अपने मंत्रिमंडल को मजबूत करने के लिए कदम उठा सकती है। इससे एक ओर सरकार अपने कामकाज की गति बढ़ाएगी, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक तौर पर भी अपनी स्थिति मजबूत करेगी। कैबिनेट विस्तार से क्षेत्रीय संतुलन, संगठन की मांग और राजनीतिक समीकरणों को भी साधने की कोशिश की जाएगी। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि किन नए चेहरों को मौका मिलता है और कौन मंत्रिमंडल से बाहर होता है। जनवरी 2026 जम्मू-कश्मीर की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।





