जम्मू और कश्मीर

J&K News: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने किया घर क़ैद, परिवार को बनाया बंधक, फिर जंगल में हुए फरार

J&K News: जम्मू-कश्मीर के बसंतगढ़ तहसील के चिगला बालोटा गांव में गुरुवार देर रात तीन संदिग्ध आतंकियों ने एक घर में घुसकर पूरे परिवार को बंधक बना लिया। उन्होंने परिवार वालों को खाना पकाने और खाने के लिए मजबूर किया। इसके बाद वे कुछ खाद्य सामग्री और अन्य सामान लेकर जंगल की तरफ भाग गए। इस घटना के बाद इलाके में डर का माहौल छा गया है। शुक्रवार सुबह पुलिस, सेना, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और सीआरपीएफ की टीमों ने मिलकर इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

इलाके में सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी

घटना की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने ड्रोन और स्नीफर डॉग्स का भी इस्तेमाल किया, लेकिन पहाड़ी और घने जंगल की वजह से सर्च ऑपरेशन में कठिनाई हो रही है। अतिरिक्त जवानों को इलाके में तैनात किया गया है। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें और तुरंत पुलिस को सूचित करें। सुरक्षा बल इस पूरे मामले में काफी सतर्कता दिखा रहे हैं ताकि आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़कर मामले को शांत किया जा सके।

J&K News: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने किया घर क़ैद, परिवार को बनाया बंधक, फिर जंगल में हुए फरार

बसंतगढ़ : आतंकवादियों का अड्डा और पारंपरिक घुसपैठ मार्ग

बसंतगढ़ क्षेत्र पिछले कई दशकों से आतंकियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना रहा है। 1996 के बाद से आतंकवादी इस क्षेत्र का इस्तेमाल डोडा, किश्तवाड़ और आसपास के इलाकों में आने-जाने के लिए करते आ रहे हैं। 2000 के बाद आतंकवादियों की गतिविधियां इस इलाके में चरम पर पहुंच गईं। दिसंबर 2023 में खंडारा टॉप पर एक आईईडी बरामद किया गया था। इस इलाके से अब तक कई बार आतंकियों के हथियार, सामग्री और विस्फोटक बरामद किए गए हैं। इस क्षेत्र को पारंपरिक घुसपैठ मार्ग माना जाता है जो जम्मू-कश्मीर की घाटी तक आतंकवादियों को पहुंचाता है।

इस साल कई बड़े मुठभेड़ और घटनाएं

बसंतगढ़ इलाके में इस साल आतंकवादियों के खिलाफ तीन बड़ी मुठभेड़ हुईं। 9 अप्रैल को जाफर मार्टा में मुठभेड़, 25 अप्रैल को एक सेना के हैवलदार की शहादत और 26 जून को जैश के एक आतंकी की मौत हुई। इसके अलावा 11 सितंबर 2024 को जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी बसंतगढ़ के ऊपरी हिस्से में मारे गए। इसी इलाके में 19 अगस्त को डूडू में सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर शहीद हुए और 28 अप्रैल को गांव डिफेंस गार्ड मोहम्मद शरीफ आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए।

बसंतगढ़ में पिछली हिंसा और सुरक्षा चुनौतियां

बसंतगढ़ का क्षेत्र आतंकवादियों की हिंसक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। 2006 में इस क्षेत्र के लोलेन गाला में आतंकियों ने 13 लोगों की हत्या की थी। 2004 में सोनितोप खंड में चार गांव डिफेंस गार्ड सदस्यों के हथियार छीन लिए गए थे। 15 अक्टूबर 2024 को किनारी पंचायत के चिनानी में भी चार संदिग्ध आतंकियों ने एक परिवार को बंधक बनाकर उनका खाना खाया और सामान ले गए थे। इस प्रकार का आतंकवाद का यह सिलसिला इलाके में लगातार जारी है और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।

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