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Dharmendra Passes Away: हिंदी सिनेमा के सदाबहार हीरो धर्मेंद्र का 89 वर्ष की उम्र में निधन, जानिए उनके जीवन की खास बातें

Dharmendra Passes Away: हिंदी सिनेमा के महानायक धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया है, जिसने एक युग का अंत कर दिया। लंबे समय से बीमार चल रहे धर्मेंद्र को कुछ दिन पहले मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सांस लेने में परेशानी के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। इस कठिन समय में पूरा देओल परिवार उनके साथ था। बॉलीवुड के कई बड़े सितारों ने भी अस्पताल में जाकर उनका हालचाल जाना। सलमान खान, शाहरुख खान से लेकर आमिर खान तक सभी ने उनसे मिलने की इच्छा जताई। बाद में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी, लेकिन वह घर पर लगातार चिकित्सकीय निगरानी में थे।

स्वास्थ्य में गिरावट और अंत तक चिकित्सा निगरानी

धर्मेंद्र की हालत 1 नवंबर से गंभीर हो गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उस समय से वे लगातार चिकित्सकों की निगरानी में थे। तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ और 24 नवंबर को उन्होंने अंतिम सांस ली। इस खबर से फिल्म जगत के साथ-साथ उनके करोड़ों प्रशंसक भी स्तब्ध रह गए। पिछले कई दिनों से उनके स्वास्थ्य के लिए दुआएं की जा रही थीं, लेकिन यह दुःखद समाचार सभी के लिए झटका साबित हुआ।

 

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धर्मेंद्र का 65 सालों का यादगार फिल्मी सफर

धर्मेंद्र ने 1960 में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। उनकी पहली फिल्म “दिल भी तेरा हम भी तेरे” थी, इसके बाद 1961 में “बॉयफ्रेंड” में सहायक भूमिका निभाई। उनके 65 साल के कैरियर में उन्होंने हिंदी सिनेमा को कई हिट, सुपरहिट और ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं। शोलय (1975), चुपके चुपके (1975), सीता और गीता (1972), धरमवीर (1977), फूल और पत्थर (1966), जुगनू (1973), और यादों की बारात (1973) जैसी फिल्में आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई हैं। उनकी हर भूमिका में एक अलग अंदाज था जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता था।

सादगी और दमदार अभिनय का प्रतीक

धर्मेंद्र ने केवल हीरो के रूप में ही नहीं बल्कि एक सच्चे कलाकार के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनकी सहजता, सहज अभिनय और दिल से निभाई गई भूमिकाओं ने उन्हें हिंदी सिनेमा का ‘हीरो’ ही नहीं, बल्कि ‘दिल’ भी बना दिया। वे केवल एक कलाकार नहीं थे, बल्कि पूरी पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत थे। उनकी फिल्मों में जो जज्बा, जोश और मानवीय भावनाएं थीं, वह आज भी किसी से कम नहीं।

धर्मेंद्र की विरासत और यादें

धर्मेंद्र का जाना हिंदी सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी फिल्में और उनकी अदाकारी सदैव जीवित रहेगी। उनका अभिनय और उनकी छवि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। उनके परिवार और प्रशंसकों के लिए यह कठिन समय है, लेकिन धर्मेंद्र की यादें उनके साथ हमेशा रहेंगी। हिंदी सिनेमा के इस महानायक को श्रद्धांजलि देते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि वे हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।

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