J&K News: नवेगाम पुलिस ने तीन दिन में किया जैश आतंकवादी मॉड्यूल का खुलासा, आतंकवादी नेटवर्क का भंडाफोड़

J&K News: जम्मू-कश्मीर के नोगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के सहयोगी एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। पुलिस को नोगाम में मिले आतंकवादी पोस्टरों के आधार पर यह मॉड्यूल पकड़ में आया। पुलिस ने 2 नवंबर को सक्रिय आतंकी समर्थकों को गिरफ्तार किया और तीन दिनों से भी कम समय में पूरे षड़यंत्र का पर्दाफाश कर दिया। यह सफलता पुलिस की तेज़ कार्रवाई और सटीक जांच का परिणाम है।
मौलवी इरफान अहमद के कनेक्शन का खुलासा
जांच अधिकारी और नोगाम थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मीर मस्रत आलम ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि पकड़े गए संदिग्ध एक बड़े नेटवर्क से जुड़े थे। इस नेटवर्क के प्रमुख हैं मौलवी इरफान अहमद, जो शोपियां जिले के रहने वाले हैं। मौलवी नोगाम के एक मस्जिद में इमाम की भूमिका निभा रहे थे। मौलवी ने कई डॉक्टरों को कट्टरपंथी विचारधारा में बदला था, जिनमें से कई राज्य के बाहर कार्यरत थे। पुलिस ने मौलवी को गिरफ्तार किया, जिसके बाद और कई कनेक्शन सामने आए।

डॉक्टरों की भूमिका और साइबर कट्टरपंथ
मौलवी इरफान ने डॉक्टरों को कट्टरपंथी बनाया और उनका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में किया। डॉ. उमर ने बम धमाके को अंजाम दिया। डॉ. शकील और डॉ. उमर ने अपने कुछ साथियों को मौलवी से मिलवाया, जो टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग ऐप के जरिए कट्टरपंथी विचारों का प्रचार करते थे। मौलवी ने दक्षिण कश्मीर में जैश के आतंकियों से भी मुलाकातें करवाईं। इस जांच के बाद पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक विशेष टीम भेजी।
सहारनपुर में गिरफ्तारियां और विस्फोटकों की बरामदगी
पुलिस ने सहारनपुर में एक निजी अस्पताल में कार्यरत डॉ. आदिल अहमद को 6 नवंबर को गिरफ्तार किया और अगले दिन उसे श्रीनगर ट्रांजिट रिमांड पर लाया। डॉ. आदिल के कब्जे से एक AK राइफल बरामद हुई। उनकी पूछताछ से पुलिस को पता चला कि अन्य सदस्यों ने फरिदाबाद और अन्य स्थानों पर भारी मात्रा में विस्फोटक जमा किए हैं। इस आधार पर पुलिस ने डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई को गिरफ्तार किया, जो पुलवामा के अपने गांव में बहन की शादी में शामिल होने आए थे।
जैश-ए-मोहम्मद से कनेक्शन और कट्टरपंथी शिक्षा
डॉ. मुजम्मिल के कमरे से विस्फोटकों का बड़ा जखीरा मिला। उन्होंने स्थानीय अस्पताल में काम किया, जहां डॉ. उमर नबी भी कार्यरत थे, जो दिल्ली धमाकों के मुख्य संदिग्ध हैं। पुलिस ने कई डॉक्टरों से पूछताछ की, जिनका संबंध डॉ. आदिल, डॉ. मुजम्मिल या डॉ. उमर से था। मौलवी की पत्नी फातिमा बानो से भी पूछताछ की गई, जिससे पता चला कि मौलवी ने इन डॉक्टरों को आतंकवाद के सिद्धांत पढ़ाए और वे कट्टरपंथी बन गए। डॉ. मुजम्मिल शकील, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं, भी मौलवी से जुड़े थे।





