Jammu-Kashmir News: कश्मीर व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल में CIK की बड़ी छापेमारी, हरियाणा की महिला डॉक्टर किराएदार मिली

Jammu-Kashmir News: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों के सफेदपोश नेटवर्क से जुड़े मामले में एक नई कार्रवाई हुई है। काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर की टीम ने रविवार देर रात अनंतनाग के मलकानाग क्षेत्र में एक डॉक्टर के निवास पर छापा मारा। इस छापेमारी ने इलाके में हलचल पैदा कर दी है। टीम लंबे समय से व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की जांच कर रही है जिसमें पढ़े लिखे और पेशेवर लोग शामिल बताए जा रहे हैं। इस बार जांच की आंच सीधे डॉक्टरों तक पहुंच गई है।
जांच के दौरान CIK अधिकारियों को घर में एक चौंकाने वाली जानकारी मिली। जिस मकान की तलाशी ली गई वहां हरियाणा की एक महिला डॉक्टर किरायेदार के रूप में रह रही थी। CIK टीम ने घर से एक मोबाइल फोन भी जब्त किया है जिसे अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि फोन से इस मॉड्यूल के कई महत्वपूर्ण राज खुल सकते हैं। टीम यह पता लगाने में जुटी है कि महिला डॉक्टर का इस नेटवर्क से कोई संबंध है या वह सिर्फ एक सामान्य किरायेदार थी।

पूछताछ में गिरफ्तार व्यक्ति ने लगाई आग
जांच के बीच एक और गंभीर घटना सामने आई है। अधिकारियों के अनुसार बिलाल अहमद वानी नामक सूखे मेवों का व्यापारी जिसने पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए अपने बेटे जासिर बिलाल के साथ पुलिस कार्रवाई का सामना किया था उसने खुद को आग लगाने की कोशिश की। यह घटना काज़ीगुंड क्षेत्र में हुई जहां अचानक उसने खुद को आग के हवाले करने का प्रयास किया। उसे तुरंत जीएमसी अनंतनाग ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर बताई है। उसकी इस हरकत ने पुलिस को भी चौकन्ना कर दिया है।
मुख्य आरोपी डॉक्टर मुज़फ्फर रज़ा अब भी फरार
व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के मुख्य आरोपी के रूप में डॉक्टर मुज़फ्फर रज़ा का नाम सामने आया है। वह अब तक पुलिस की पकड़ से दूर है और माना जा रहा है कि वह फिलहाल अफगानिस्तान में छिपा हुआ है। उसके छोटे भाई डॉक्टर अदिल रज़ा को छह नवंबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया जा चुका है। इस गिरफ्तारी के बाद कई अहम खुलासे हुए थे लेकिन मुज़फ्फर के फरार होने से जांच अभी अधूरी मानी जा रही है।
पेशेवर लोगों की भागीदारी ने बढ़ाई चिंता
इस पूरे मामले ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का मतलब ऐसे आतंक नेटवर्क से है जिसमें डॉक्टर इंजीनियर व्यापारी और शिक्षित तबकों के लोग शामिल रहते हैं। यह नेटवर्क बेहद खतरनाक इसलिए माना जाता है क्योंकि इसमें शामिल लोग सामान्य जीवन जीते हुए आतंकी गतिविधियों को संचालित करते हैं। CIK की हालिया कार्रवाई ने इस मॉड्यूल के कई परतें खोल दी हैं और आने वाले दिन जांच के लिहाज से और भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं।





